سورة
الطلاق والتحريم والملك
وللدمشقي
عدد الأخرى جا والثان مع مك وكوف
مخرجا
بالله واليوم الأخر |
الأية |
دمشقي |
الإمام |
عدد |
الشرح |
حجازي و حمصي و عراقي (
لا يعد) |
الباقون |
يجعل له مخرجا |
الأية |
مدن الثاني و مكي وكوفي |
الإمام |
عدد |
الشرح |
مدن الأول و شامي و
بصري(لا يعد) |
الباقون |
لالباب
فاعدد للمدني الأول قدير الأنهار
للحمصي انقل
يأولى الألبب |
الأية |
مدن الأول |
الإمام |
اعدد |
الشرح |
مدن الثاني و مكي و شامي
و عراقي ( لا يعد) |
الباقون |
كل شىء قدير من تحتها الأنهار |
الأية |
حمصي |
الإمام |
انقلا |
الشرح |
حجازي و دمشقي و عراقي
(لا يعد) |
الباقون |
ثاني
نذير للحجازيين قد عد سوى يزيدهم فما
اعتمد
قد جآءنا نذير |
الأية |
حجازي إلا يزيد بن
القعقاع |
الإمام |
عد |
الشرح |
شامي و عراقي (لا يعد) |
الباقون |
Tiada ulasan:
Catat Ulasan